Types of Computer Network in Hindi | जानें कम्प्यूटर नेटवर्क के प्रकार हिंदी व अंग्रेजी मे

साइज के आधार कम्प्यूटर नैटवर्क के प्रकार (Types of Computer Network )

साइज के आधार कम्प्यूटर नैटवर्क तीन प्रकार के होते है -

There are three types of computer networks on the basis of size -

1) LAN (Local Area Network)

2) MAN (Metropolitan Area Network)

3) WAN (Wide Area Network)

 

1) LAN (Local Area Network) - साइज के आधार पर ये सबसे छोटे आकार का कम्प्यूटर नैटवर्क होता है। ये किसी लिमिटेड एरिया तक सीमित रहता है। जैसे- किसी एक बिल्डिंग अथवा बिल्डिंग का एक फ्लोर।

 On the basis of size, it is the smallest size computer network.It is limited to a limited area. For example- one floor of a building or a building.

 


2) MAN (Metropolitan Area Network) - ये लोकल एरिया नैटवर्क से बड़ा किन्तु वाइड एरिया नैटवर्क से छोटा होता है । ये बिंल्डिंग से बिल्डिंग जोड़ता है और लगभग एक शहर तक सीमित रहता है । ये कई LANs (Local Area Networks) को मिलाकर भी बन सकता है ।

It is larger than the local area network but smaller than the wide area network. It connects building to building and is almost confined to a city. It can also be formed by combining several LANs (Local Area Networks). 

 


3) WAN (Wide Area Network) - साइज के आधार पर ये सबसे बड़े आकार का कम्प्यूटर नैटवर्क होता है । इसके माध्यम से शहरों के नैटवर्क्स को आपस में जोड़ा जाता है अर्थात् ये शहरों को और देशों को आपस में जोड़ता है । ये कई MANs (Metropolitan Area Networks) को मिलाकर भी बन सकता है । Internet इसी नैटवर्क का उदाहरण है ।

On the basis of size, it is the largest computer network on the basis of size. Through this, the networks of cities are interconnected, means it connects cities and countries among themselves. It can also be formed by combining several MANs (Metropolitan Area Networks). Internet is an example of this network.

 


ट्रांसमिशन मिडिया के आधार कम्प्यूटर नैटवर्क के प्रकार (Types of Computer Network based on Transmission Media )

ट्रांसमिशन मिडिया के आधार कम्प्यूटर नैटवर्क को देखा जाए तो हम ये देखते है कि किसी एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर तक सूचना किस तरह के माध्यम से होकर पहुंच रही है अत: इसके आधार पर कम्प्यूटर नैटवर्क 

दो प्रकार के होते है  -

If we look at the computer network on the basis of transmission media, then we see that through how information is reaching from one computer to another computer, so on the basis of this computer network is of two types.

1) गाइडेड मीडिया (Guided Media)

2) अनगाइडेड मीडिया (Unguided Media)

 

1) गाइडेड मीडिया (Guided Media) गाइडेड मीडिया वह मीडिया होता है जिसमें डाटा या सूचना का ट्रांसफर तार  (Wire) या केवल (Cable)  के माध्यम से होता है । 

Guided media is the media in which the transfer of data or information takes place via wire or cable only.

उदाहरण (Example) - Twisted Pair Cables, Coaxial Cable and Fiber-Optic Cables

 

टि्वस्टेड पेयर केवल (Twisted Pair Cables) - एक टि्वस्टेड पेयर में इंसुलेटेड कंडक्टर की एक जोड़ी होती है जो एक साथ मुड़ जाती है । टू वायर ओपन लाइन्स के ऊपर टि्वस्टेड पेयर केबल के फायदे हैं, यह झूठे शोर संकेतों से बेहतर प्रतिरोध प्रदान करता है । चूंकि दोनो तार-दूसरे से बंद हैं, दोनों अप्रासंगिक  सिग्नल स्रोतों के कारण समान हस्तक्षेप करते हैं और यह शोर में जोड़े गए अंतर सिग्नल को कम करता है ।

A twisted pair consists of a pair of insulated conductors that are twisted together.The advantages of a Twisted pair cable over the two wire open lines are, it provides better resistance from false noise signals. As the two wires are closed to each other, both pick equal interference caused by irrelevant signal sources and this reduces the differential signal added by the noise.

 


कोएक्सिअल केबल ( Coaxial Cables ) - कोएक्सियल केबल एक गोल आकार की केबल होती है जिसमें एक मुख्य चालक तार होता है जिसे इनर कंडक्टर कहा जाता है जो एक ठोस प्लास्टिक के मोटे इंसुलेशन से ढ़की होती है इसके ऊपर फोइल होती है और उस पर धातु के तारों की जाली लिपटी होती है जिसे आउटर कंडक्टर कहा जाता है और सबसे ऊपर प्लास्टिक का पाइप होता है जो इन सभी को सुरक्षा प्रदान करता है ।

Coaxial cable is a round shape cable in which there is a main conductor wire called inner conductor which is covered with thick plastic insulation of a solid plastic, it foils above it and it is wrapped in metal wire the outer conductor is called and the top is the plastic pipe which provides protection to all of these.

कोएक्सिअल केबल का प्रयोग अधिकतर केबल टीवी मे होता है इसका प्रयोग कम्प्यूटर नेटवर्क में भी किया जाता है एक कोएक्सिअल से एक किलोमीटर की दूरी तक ओर 100 MBPS की डाटा रेट से इटरनेट एक्सेस किया जा सकता है ।

Coaxial cable is mostly used in cable TV, it is also used in computer networks, up to a distance of one Km. from a coaxial and internet can be accessed at a data rate of 100 Mbps.

 


फाइबर-ऑप्टिक केबल (Fiber-Optic Cables) - यह कांच या प्लास्टिक की केबल मेें अस्थिर प्रकाश के रूप में संकेत करता है । यह ऑप्टिकल फाइबर केबल में एक ग्लास या प्लास्टिक कोर होता है जो एक समान सामग्री के क्लैडिंग से कबर होता है । कोर प्रकाश को प्रेषित करता है जबकि कोर और क्लैडिंग के बीच अपवर्तक सूचकांक में परिवर्तन कुल आंतरिक प्रतिबंध का कारण बनता है, इस प्रकार फाइबर से प्रकाश के नुकसान को कम करता है ।

This carries signals in the form of fluctuating light in a glass or plastic cable. An optical fiber cable consists  of a glass or plastic core surrounded by a cladding of a similar material.  The core transmit the light while the change in refractive index between the core and the cladding caused total internal reflection, thus minimizing the loss of light from fiber.

 


2) अनगाइडेड मीडिया (Unguided Media) - रेडियो, माइक्रोवेव और सैटेलाइट चैनल खुले स्थान पर विधुत चुम्बकीय प्रसारण का उपयोग  करते है । इन चैनलों के फायदे  बड़े भौगोलिक क्षेत्रों को कवर करने की उनकी क्षमताओं में निहित हैं । यह वायर्ड इंस्टॉलेशन से कम खर्चीला है । रेडियो, माइक्रोवेब और उपग्रह चैनलों के बीच विभेदन उन आवृत्तियों में होता है जिनमें वे कार्य करते है । 1000 MHZ से नीचे की फ्रीक्वेंसी रेडियो फ्रीक्वेंसी और इसके ऊपर माइक्रोवेव फ्रिक्वेंसी होती है ।

Radio, Microwaves & Satellite channels use electromagnetic broadcast in open space. The advantages of these channels lie in their capabilities to cover large geographical areas. It is less expensive than the wired installation. The differential between radio, Microwave & satellite channels lie in the frequencies  in which   they operate. Frequency below 1000 MHZ are radio frequencies & higher the Microwave frequencies.

 

टोपोलोजी के आधार पर नेटवर्क के प्रकार (Types of Network based on Topology)

टोपोलॉजी के आधार पर नेटवर्क निम्नलिखित प्रकार के होते है-

On the basis of topology, networks are of the following types:

 

1) बस टोपोलॉजी (Bus Topology) - एक बस नेटवर्क एक नेटवर्क टोपोलॉजी है जिसमें नोड्स एक डेजी श्रंखला में बसों के रैखिक अनुक्रम से जुड़े होते हैं। जब इसके दो अंत बिंदु होते हैं, तो इसे रैखिक बस टोपोलॉजी कहा जाता है। इसे एक लाइन टोपोलॉजी के रूप में भी जाना जाता है, बस टोपोलॉजी एक नेटवर्क सेटअप है जहां प्रत्येक कंप्यूटर और नेटवर्क डिवाइस एक केबल से जुड़े होते हैं जिसे बस टोपोलॉजी के रीढ़ की हड्डी के रूप में जाना जाता है।

ये केवल एक दिशा में डाटा प्रेषित करती है। सभी डिवाइसेस एक ही केबल से जुड़ी होती है। अगर ये मुख्य केबल खराब हो जाए या टूट जाए तो पूरा नेटवर्क फेल हो जाता है। इसमें को-एक्सियल केबल का प्रयोग किया जाता है।

A bus network is a network topology in which nodes are connected in a daisy chain by a linear sequence of buses. When it has two end points, it called Linear Bus Topology. Alternatively referred to as a line topology, a bus topology is a network setup where each computer and network devices are connected to a signal cable which is also known as backbone Bus topology. 

It transmits data only in one direction. Every device is connected to a single cable. If this main cable gets damaged or breaks then the whole network fails. In this co-axial cable is used.

 


2) रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology)- रिंग टोपोलॉजी नेटवर्क में कंप्यूटर में कंप्यूटर सरकुलर फैशन में जूड़ा हुआ होता है और डेटा एक दिशा में ट्रेवल करता है। एक रिंग नेटवर्क में, कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक डिवाइस से कनेक्टेड  वास्तव में दो कंप्यूटर नजदीक (पड़ोसी) होते हैं। प्रत्येक कंप्यूटर सीधे दूसरे कंप्यूटर से कनेक्ट होता है, जो नेटवर्क के माध्यम से सिग्नलो के लिए एक मार्ग बनाता है। इस प्रकार का नेटवर्क स्थापित करना और प्रबंधित करना आसान है। सभी संदेश एक ही दिशा मे एक रिंग  के माध्यम से ट्रेवल करते हैं किसी भी केबल या डिवाइस के फेल होने पर कनेक्शन टुट जाता है और पूरे कम्युनिकेशन नेटवर्क को खराब कर देता है।

Ring topology, the computers in the network is connected in a circular fashion and the data travels in one direction. In a ring network, every device has exactly two neighbors for communication purpose. Each computer is directly connected to the next computer, forming a single pathway for signals through the network. This type of network is easy to install and manage, All messages travel through a ring in the same direction (either "clockwise" or "counter clockwise"). A failure in any cable or device breaks the loop and can take down the entire network.

 


3) स्टार टोपोलोजी (Star Topology) - स्टार नेटवर्क सबसे आम कंप्यूटर नेटवर्क टोपोलॉजी  में से एक है। अनेक होम नेटवर्क स्टार टोपोलॉजी का उपयोग करते हैं। एक स्टार नेटवर्क में एक केंद्रीय बिंदु होता है जिसे "हब नोड" कहा जाता है जो नेटवर्क केंद्र, स्विच या राउटर हो सकता है। सेंन्ट्रल हब एक कंप्यूटर सर्वर हो सकता है जो नेटवर्क का प्रबंधन करता है, या यह एक बहुत ही सिंपल  डिवाइस है जो नेटवर्क पर कंप्यूटर के बीच कनेक्शन को संभव बनाता है।

इसमे प्रत्येक नोड अपना डैडिकेटेड कनेक्शन के लिए हब से जुड़ा होता है। हब डेटा प्रवाह के लिए रिपीटर के रूप में कार्य करता है। ये टि्वस्टेड पेयर केबल, ऑप्टिक फाईबर या कोएक्सियल केबल के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।

Star Networks are one of the most common computer network topologies .  Many home networks use the star topology. A star network features a central connection point called a "hub node" that may be a network hub, switch or router. The central hub can be a computer server that manages the network or it can be a much simpler device that  only makes the communication between computers over the network possible.

Every node has its own dedicated connection to the hub. Hub acts as a repeater for data flow. It can be used with twisted pair, Optical Fiber or coaxial cable.

 


4) ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology) - यह बस और स्टार टोपोलॉजी का संयोजन है। ट्री टोपोलॉजी एक स्टार पर एक साथ अनेक टोपोलॉजी को एकीकृत करती है। यह विशेष प्रकार का नेटवर्क है टोपोलॉजी नोड्स के पदानुक्रम पर आधारित है । किसी भी ट्री नेटवर्क के उच्चतम स्तर में एकल रूट नोड होते है जो पॉइंट-टू-पॉइंट लिंक द्वारा  नीचे के स्तर में एकल या अकाधिक नोड्स से जुड़े होते है। ये निचले स्तर के नोड्स अगले स्तर के नीचे एक एकल या अनेक नोड्स से भी जुड़े होते है।

This is combination of bus and star topology. Tree topologies integrate multiple star topologies together onto a bus. This particular type of network topology is based on a hierarchy of nodes. The highest level of any tree network consists of a single 'root' node that is connected with a single or multiple nodes in the level below by point-to-point links. These lower level nodes are also connected to a single or multiple nodes in the next level down.

 


5) मेस टोपोलॉजी (Mesh Topology) - इसमें प्रत्येक नोड दूसरी सभी नोड से सीधे जुड़ी होती है। यदि इसमें कोई एक डिवाइस फेल हो जाती है तो उससे केवल एक नोड प्रभावित होता है । यह कोफी मंहगी टोपोलॉजी है । यह बस और स्टार दोनों टोपोलॉजी का सम्मिश्रण है। यह ट्रैफिक की उच्च मात्रा को संभाल सकता है, क्योकि एकाधिक डिवाइस एक साथ डेटा ट्रान्समिट कर सकती है।

Every node connected to every other node fast reliable No hub or bus to fail It one device goes down, it is the only node affected Expensive Every node must be wired to every other node Difficult to add nodes.  It can handle high amount of traffic, because multiple devices can transmit data simultaneously.

 

मेनेजमैंट के आधार पर नेटवर्क के प्रकार (Types of Network based on Management)

 

मेनेजमैंट के आधार पर नेटवर्क दो प्रकार के होते है-

On the basis of management, there are two types of networks-

 

1) क्लाइंट सर्वर आर्किटोक्चर (Client Server Architecture)

2) पीयर-टू-पीयर  (Peer-to-Peer)

 

1) क्लाइंट सर्वर आर्किटोक्चर (Client Server Architecture)- इस तरह के नेटवर्क में एक मुख्य कम्प्यूटर होता है जिसे नेटवर्क के अन्य कम्प्यूटर कोई सूचना प्राप्त करने को निर्देश भेजते हैं। फिर ये मुख्य कम्प्यूटर प्राप्त निर्देशानुसार दूसरे  कम्प्यूटरों को सूचने प्रदान करता है। अतः नेटवर्क के मे जो कम्प्यूटर सूचना प्राप्त करने के लिए दूसरे कम्प्यूटर निर्देश के रूप में रिक्वेस्ट भेजता है वह क्लाइंट कम्प्यूटर कहलाता है और जो कम्प्यूटर रिक्वेस्ट प्राप्त करता है और उसके अनुसार सूचना अथवा डाटा प्रदान करता है वह सर्वर कम्प्यूटर कहलाता है।

इसमें सर्वर कम्प्यूटर ही मुख्य कम्प्यूटर है यदि ये खराब हो जाता है तो नेटवर्क के सभी अन्य कम्प्यूटर भी काम नही करते। लेकिन यदि कोई क्लाइंट कम्प्यूटर खराब  होता है तो केवल उसे छोड़कर अन्य सभी कम्प्यूटर सुचारु रूप से कार्य करते रहते रहेगें।

In this type of network, there is a main computer to which other computers in the network send instructions to get some information. Then this main computer provides information to other computers according to the instructions received. Therefore, the computer in the network which sends the request in the form of instructions to another computer to get the information is called the client computer and the computer which receives the request and provides the information or data accordingly is called the server computer. 

In this, the server computer is the main computer, if it fails, then all the other computers in the network also do not work. But if any client computer fails, all the other computers will continue to function smoothly except him.

 


2) पीयर-टू-पीयर  (Peer-to-Peer) -इस तरह के नेटवर्क में सभी कम्प्यूटर आपस में समान क्षमता वाले होते है सभी सर्वर कम्प्यूटर की भांति कार्य कर सकते है और सभी क्लाइंट कम्प्यूटर की भांति भी। इसमें कोई भी कम्प्यूटर किसी दूसरे कम्प्यूटर से छोटा या बड़ा नहीं होता। सब समान होते है।

In this type of network all the computers are of equal capacity among themselves, all can work like server computer and also like all client computer. In this, no computer is smaller or bigger than any other computer. All are equal.

 



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