कम्प्यूटर को जब हम कोई इनपुट देते है तो कम्प्यूटर उसका मतलब नहीं समझ सकता | इसलिए उस इनपुट को इनपुट डिवाइस खुद ही मशीन लैंग्वेज में बदलकर आगे कम्प्यूटर में भेजती है | जिसे कम्प्यूटर आसानी से समझ सके | लेकिन जो प्रोग्राम अथवा सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर में इनस्टॉल होते है उन्हें भी कम्प्यूटर नहीं समझ पता | इसलिए उन्हें भी मशीन भाषा में बदलने की आवश्यकता होती है | उन्हें बदलने के लिए जिन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम की आवश्यकता होती है उन्हें ही लैंग्वेज ट्रांसलेटर कहा जाता है |
अतः वे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जो हाई लेवल लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम को मशीन भाषा में बदलते है जिसे कम्प्यूटर समझ सके, लैंग्वेज ट्रांसलेटर कहलाते है | यह सिस्टम सॉफ्टवेयर के अंतर्गत आते है |
When we give any input to the computer, the computer cannot understand its meaning. So Input devices change input into machine language and sends it to the computer. Which computer can easily understand. But the programs or software installed in the computer do not even understand the computer. Therefore they also need to be converted into machine language. The software programs that are required to convert them are called language translators.
Therefore, software programs that convert programs written in high level language into machine language that the computer can understand, are called language translators.These are covered under system software.
ये तीन प्रकार के होते है -
अतः वे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जो हाई लेवल लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम को मशीन भाषा में बदलते है जिसे कम्प्यूटर समझ सके, लैंग्वेज ट्रांसलेटर कहलाते है | यह सिस्टम सॉफ्टवेयर के अंतर्गत आते है |
When we give any input to the computer, the computer cannot understand its meaning. So Input devices change input into machine language and sends it to the computer. Which computer can easily understand. But the programs or software installed in the computer do not even understand the computer. Therefore they also need to be converted into machine language. The software programs that are required to convert them are called language translators.
Therefore, software programs that convert programs written in high level language into machine language that the computer can understand, are called language translators.These are covered under system software.
ये तीन प्रकार के होते है -
- असेम्बलर (Assembler)
- कम्पाइलर (Compiler)
- इंटरप्रेटर (Interpreter)
असेम्बलर (Assembler)
ये सॉफ्टवेयर हाई लेवल लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम को मशीन भाषा में बदलते है | ये ऑब्जेक्ट कोड को सोर्स कोड में बदलने का कार्य करते है |
These software convert programs written in high level language into machine language. They work to convert the object code into source code.
कम्पाइलर (Compiler)
ये प्रोग्राम को एक साथ पूरा पढ़ता है, और उसमे जो भी त्रुटियां होती है उन्हें बताता है, जब उन त्रुटियों को ख़तम कर दिया जाता है तब उस प्रोग्राम को एक्सेक्यूटे किया जा सकता है |
It reads the program at once, and tells you what errors are there, that program can be executed when those errors are eliminated.
इंटरप्रेटर (Interpreter)
ये प्रोग्राम को एक साथ पूरा न पढ़कर उसे एक-एक लाइन करके पढ़ता है और जिस लाइन में कोई त्रुटि मिलती है वही रूककर त्रुटि के बारे में बताता है फिर जब उस त्रुटि को अलग कर दिया जाता है फिर ये अगली लाइन पर पहुँचता है और उसे चैक करता है | इसी तरह एक-एक लाइन करके जब पूरा प्रोग्राम चैक हो जाता है और त्रुटि रहित हो जाता है तब प्रोग्राम को एक्सेक्यूटे किया जाता है |
It does not read the program all at once and reads it one by one line and the line in which an error is found tells the error about and stop and then when that error is set aside then it reaches the next line and Checks it out. Similarly, when the entire program is checked by one line and becomes error free, the program can execute.
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